एक समंदर है वहां हिलोरे मारता
लेकिन ढंका है बर्फ कि सिल्लियों से
ओ सूरज तुम इतना गर्म हो जाओ
कि पिघल जाये सारी बर्फ
इस तरह कि
समंदर में उठने लगे लहर
लील ले फिर चाहे वह
इस धरा को
ओ बर्फ
तुम क्यों जमी हो यहाँ
तुम जाओ पहाड़ों को ढको
समंदर से तुम्हारा क्या वास्ता
3 टिप्पणियां:
न जाने कितनी बर्फ जमीं है हमारी हिलोरों पर, पिघले या ऊपर चली जाये।
बिम्बों में नव प्रयोग देखने को मिला, अद्भुत .
टिप्पणी में शब्द पुष्टिकरण हटावें जानकारी यहां है -
http://sanjeevatiwari.blogspot.com/2011/06/word-verification.html
o barf tum jami kyo ho yahan.. barf ko lagi yah fatkaar anubhootiyo ki oorja se janmi hai. vaah.
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